PM MODI MAURITIUS VISIT: पीएम मोदी को मिला सर्वोच्च सम्मान, मॉरीशस यात्रा क्यों इतनी जरूरी

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PM MODI MAURITIUS VISIT: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मार्च को पोर्ट लुइस में मॉरीशस के नेशनल डे परेड में बतौर चीफ गेस्ट के रूप में हिस्सा लिया। इसके साथ ही भारतीय नौसेना की टुकड़ी ने भी इस परेड में हिस्सा लिया। मॉरीशस सरकार ने पीएम मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया है। पीएम मोदी इस प्रतिष्ठित सम्मान को पाने वाले पहले भारतीय बने हैं।

 यह PM MODI MAURITIUS की दूसरी यात्रा है, जो कई बड़ी परियोजना और समझौतों के लिहाज़ से महत्वपूर्ण है, दो दिवसीय यह यात्रा भारत और मॉरिशस के सम्बन्धो को नई मिसाल देती है आइए जानते हैं द स्टोरी विंडो पर कितने महत्वपूर्ण और मजबूत हैं भारत-मॉरीशस के संबंध I

नवीन रामगुलाम ने माला पहना कर किया PM MODI स्वागत

11 मार्च को PM MODI MAURITIUS की यात्रा पर पहुंचे। वहां उनका परंपरागत रूप से भव्य स्वागत किया गया. एयरपोर्ट पर मॉरिशस के प्रधानमत्री ने माला पहनकर सम्मान व्यक्त किया उनके साथ मॉरिशस के मुख्य नयायधीश, उप प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री, विपक्ष के नेता, नेशनल असेम्बली के स्पीकर सहित कई बड़े नेता शामिल हुए I प्रधानमंत्री मोदी की 2015 के बाद से यह दूसरी मॉरीशस यात्रा है।

जानिए आखिर क्यों महत्वपूर्ण है भारत- मॉरीशस के सम्बन्ध

पश्चिमी हिंद महासागर में स्थित यह देश भारत के साथ कई रणनीतिक और सामरिक रूप से महत्वपूर्ण है. यहां मौजूद 12 लाख की आबादी में  करीब 70 फीसदी लोगों की संख्या भारतीय मूल के व्यक्तियों की  है. जो की भारत और मॉरीशस के रिश्तों को और अधिक खास बनाती है। 2016 में भारत ने  मॉरीशस के लिए 353 मिलियन डॉलर के आर्थिक पैकेज की घोषणा की थे। इसके तहत मॉरीशस में मेट्रो एक्सप्रेस, सुप्रीम कोर्ट बिल्डिंग, आंख कान के अस्पताल और डिजिटल टैबलेट योजना जैसी बड़ी परियोजनाएं शामिल थीं I इसके साथ ही भारत ने 2017 में मॉरीशस को 500 मिलियन डॉलर का कर्ज दिया था I

बता दें कि,  भारत का सबसे बड़ा सांस्कृतिक केंद्र इंदिरा गांधी सेंटर फॉर इंडियन कल्चर मॉरीशस में खोला गया है। इस सेंटर में लगभग ढाई हजार से अधिक विद्यार्थी  संगीत, नृत्य और कला वादन की शिक्षा लेते हैंI

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कब और क्यों मनाया जाता है मॉरीशस का नेशनल डे?

मॉरीशस के नेशनल डे का भारत के साथ एक विशेष सम्बन्ध है राष्ट्रपिता महात्मा गांधी 1901 में दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटते वक्त कुछ समय के लिए मॉरीशस में रुके थे जिसके दौरान उन्होंने भारतीय श्रमिकों को तीन परिवर्तनकारी संदेश दिए थे. वे थे- शिक्षा का महत्व, राजनीतिक सशक्तिकरण और भारत से जुड़े रहना। इस प्रकार, मॉरीशस का राष्ट्रीय दिवस 12 मार्च गांधी को श्रद्धांजलि के रूप में मनाया जाता है। 12 मार्च को ही गाँधी जी ने गुजरात के साबरमती आश्रम से दांडी यात्रा शुरू की थी I

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भारत के इतिहास से जुड़ा है एक विशेष नाता!

ब्रिटेन के मॉरीशस अधिग्रहण से पहले यह एक फ्रांसीसी उपनिवेश था। 1700 के प्रारंभिक दशक में फ्रांसीसी सरकार के द्वारा सबसे पहले आज के पुडुचेरी से भारतीय नागरिकों को मॉरीशस लाया गया था। उनसे मजदूरी एवं जबरन काम करवाया जाता था।

वहीं ब्रिटिश शासनकाल में लगभग 1834 से 1900 के शुरुआती वर्षो  में करीब 5 से 6 लाख भारतीय श्रमिक मॉरीशस लाए गए थे। इनमें से करीब दो तिहाई श्रमिक अपने देश वापस ना जाकर मॉरीशस में ही बस गए I नवीन रामगुलाम के पिता शिवसागर रामगुलाम जिन्होंने मॉरीशस के स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया था। वो मॉरीशस के पहले प्रधानमंत्री बने थे। उन्होंने गांधी, और सरोजिनी नायडू जवाहरलाल नेहरू सहित कई भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के साथ मुलाकात की थी। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ भी उनके सम्बन्ध थे। 1934 में बॉस की  किताब, ‘द इंडियन स्ट्रगल’ की  प्रूफ रीडिंग भी उन्ही ने की थीI

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