संसद के मानसून सत्र के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में एक बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि पहलगाम आतंकी हमले में शामिल सभी आतंकियों को ‘operation mahadev’ के तहत मार गिराया गया है। यह ऑपरेशन भारतीय खुफिया एजेंसियों और सुरक्षा बलों की एक सटीक और सशक्त कार्यवाही का नतीजा है, जिसने आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति को एक बार फिर से स्पष्ट कर दिया है ना भूलेंगे, ना छोड़ेंगे’।
operation mahadev की योजना और क्रियान्वयन
अमित शाह ने अपने संबोधन में बताया कि इस हमले के पीछे जिस मॉड्यूल का हाथ था, उसका पता लगाने के लिए खुफिया एजेंसियों ने संयुक्त रणनीति बनाई। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA), RAW और भारतीय सेना ने मिलकर operation mahadev की योजना बनाई। इसमें पाकिस्तान में बैठे हैंडलर्स से जुड़े सुरागों को जोड़ा गया और स्थानीय सहयोगियों की पहचान की गई।
लगभग तीन महीनों की सटीक निगरानी और गुप्त अभियान के बाद यह ऑपरेशन कश्मीर घाटी के अंदर और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) की सीमा तक फैलाया गया। ऑपरेशन के दौरान कुल 9 आतंकियों को मार गिराया गया, जिनमें से 4 सीधे तौर पर पहलगाम हमले में शामिल थे।
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अमित शाह ने लोकसभा में क्या कहा?
ये सिर्फ एक जवाबी कार्रवाई नहीं थी, ये संदेश है भारत अब किसी भी आतंकी हमले को नज़रअंदाज़ नहीं करेगा। हमारी नीति स्पष्ट है आतंक का अंत करना ही सरकार का संकल्प है। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन महादेव के तहत मारे गए सभी आतंकी लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों से जुड़े थे और उन्हें सीमा पार से निर्देश मिल रहे थे।
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अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना
इस ऑपरेशन की सफलता के बाद भारत को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी सराहना मिली है। BRICS, SCO और UN जैसे संगठनों ने भारत की “सटीक और जिम्मेदार” कार्यवाही की तारीफ की। अमेरिका और फ्रांस जैसे देशों ने भी भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया।विपक्ष की प्रतिक्रिया
हालांकि विपक्ष ने सरकार से सवाल पूछे कि इतनी बड़ी घटना को रोकने में चूक कैसे हुई, लेकिन ऑपरेशन महादेव की सफलता पर कांग्रेस, AAP और अन्य दलों ने सुरक्षाबलों को बधाई दी। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “हमें आतंकवाद के खिलाफ एकजुट रहना होगा। यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है, राजनीति का नहीं।”
जनता का भरोसा और सशक्त संदेश
सोशल मीडिया पर “जय महादेव ऑपरेशन” ट्रेंड करने लगा और आम नागरिकों ने सुरक्षाबलों को सलाम किया। यह ऑपरेशन एक बार फिर देश को यह भरोसा दिलाने में सफल रहा है कि भारत अब केवल प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि निर्णायक कार्रवाई के रास्ते पर है। सेना ने मिलकर ऑपरेशन महादेव की योजना बनाई। इसमें पाकिस्तान में बैठे हैंडलर्स से जुड़े सुरागों को जोड़ा गया और स्थानीय सहयोगियों की पहचान की गई।
लगभग तीन महीनों की सटीक निगरानी और गुप्त अभियान के बाद यह ऑपरेशन कश्मीर घाटी के अंदर और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) की सीमा तक फैलाया गया। ऑपरेशन के दौरान कुल 9 आतंकियों को मार गिराया गया, जिनमें से 4 सीधे तौर पर पहलगाम हमले में शामिल थे।
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