Dairy Farming: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 19 नवंबर गुजरात के साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर में 800 मीट्रिक टन उत्पादन क्षमता वाले अत्याधुनिक पशु आहार संयंत्र का उद्घाटन किया। 800 मीट्रिक टन क्षमता का यह अत्याधुनिक चारा संयंत्र न केवल साबरकांठा और अरावली के किसानों की चारा संबंधी जरूरतों को पूरा करेगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा। इस अवसर पर गुजरात के विधानसभा अध्यक्ष श्री शंकर चौधरी सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
Dairy Farming से लाखों परिवारों को रोजगार
अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि साबर डेयरी की स्थापना के रूप में जो बीज बोया गया था वो आज एक वटवृक्ष बनकर साढ़े तीन लाख से ज्यादा परिवारों की आजीविका का साधन बन चुका है। श्री शाह ने कहा कि उन्होंने आज पशुपालन से जुड़ी कुछ महिलाओं से मुलाक़ात की। इन महिलाओं ने उन्हें बताया कि साबर डेयरी और उसके दूध के व्यापार की वजह से ही वे आज सम्मान से जीवन जी रही हैं।
सहकारी डेयरी आंदोलन ने गांवों में समृद्धि और पोषण लाया
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि दूध उत्पादन के क्षेत्र में अच्छे प्रदर्शन के लिए आज जिन दो मंडलियों को सम्मानित किया गया उनमें दूध के व्यापार(Dairy Farming) से एक करोड़ रुपए से अधिक का चेक हासिल करने वाली मंडली भी शामिल है। उन्होंने कहा कि सहकारी डेयरी आंदोलन (Dairy Farming) ने न सिर्फ महिलाओं का सशक्तिकरण किया बल्कि गांवों में समृद्धि लाने और पोषण प्रदान का भी काम किया है। शाह ने कहा कि अमूल द्वारा शुरू की गई श्वेत क्रांति के कारण यह सफलता देखने को मिली है।

Dairy Farming में रोजगार के नए अवसर होंगे पैदा
अमित शाह ने कहा कि करीब 210 करोड़ रुपए की लागत से साबर डेयरी के पशु आहार संयंत्र स्थापना की गई है ताकि स्थानीय लोगों के मवेशियों को पोषक आहार मिल सके। उन्होंने कहा कि 800 मीट्रिक टन क्षमता का यह अत्याधुनिक चारा संयंत्र न केवल साबरकांठा और अरावली के किसानों की चारा संबंधी जरूरतों को पूरा करेगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 1976 में अपनी स्थापना से लेकर पशु आहार संयंत्र के उद्घाटन तक साबर डेयरी ने 2050 मीट्रिक टन पशु आहार क्षमता हासिल की है। उन्होंने कहा कि भारत में वर्ष 1970 में प्रतिदिन सिर्फ 40 किलो ग्राम प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष दूध उपलब्ध था, जबकि 2023 में देश में प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष 167 किलो ग्राम दूध की उपलब्धता थी। शाह ने कहा कि इसका मतलब है कि दुनिया के सभी देशों में प्रति व्यक्ति दूध उत्पादन की सबसे ज्यादा औसत भारत की है और इसमें सहकारी आंदोलन का बहुत बड़ा योगदान है।
Face book link: https://www.facebook.com/profile.php?id=61560912995040
किसानों से प्राकृतिक खेती अपनाने की अपील
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने किसानों से प्राकृतिक खेती अपनाने की अपील करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में प्राकृतिक खेती किसान की समृद्धि का कारण बनेगी और देश एवं दुनिया के नागरिकों को कैंसर, डायबिटीज और ब्लड प्रेशर से मुक्त करने का साधन भी बनेगी। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती काफी आसान है और इससे समाज का स्वास्थ्य एवं आय बढ़ाने में काफी मदद मिल सकती है। प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को उनके उत्पाद के लिए अच्छी कीमत दिलाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने राष्ट्रीय सहकारी आर्गेनिक लिमिटेड (NCOL) और राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (NCEL) की स्थापना की है, जो किसानों से प्राकृतिक खेती से उगाये गए उत्पाद खरीद कर उनका निर्यात करेगी। अमित शाह ने कहा कि प्राकृतिक खेती करने पर पहले साल में फसल थोड़ी कम हो सकती है, लेकिन दूसरे और तीसरे साल में लाभ होगा। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती करने पर केंचुए से ही खेत काफी समृद्ध हो जाएगा और कोई कीटनाशक छिड़कने की आवश्यकता नहीं होगी। उन्होंने कहा कि इस प्रयोग को गुजरात में काफी अपनाया गया है और डेयरी क्षेत्र (Dairy Farming) को अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्राकृतिक खेती के प्रशिक्षण को शामिल करना चाहिए।
You tube link: https://www.youtube.com/@TheStoryWindow_1
गोबरधन से बनी खाद खेतों को समृद्ध बनाती है
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने ‘गोबरधन योजना’ की शुरुआत की है। यह योजना उन लोगों के लिए है, जिनके पास ज्यादा पशुधन है। गुजरात की कई डेयरियों ने गोबरधन की अवधारणा पर बहुत अच्छे तरीके से अमल किया है। उन्होंने कहा कि गोबरधन से बनी खाद खेतों को समृद्ध बनाती है। उन्होंने कहा कि जब सहकारिता आंदोलन में डेयरी की शुरुआत की गई, उस समय किसी को नहीं पता था कि अमूल 60 हजार करोड़ रुपए का बड़ा तंत्र बन जाएगा। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती की शुरुआत में भी यह प्रयोग व्यर्थ लग सकता है, लेकिन अंतत: यह भारत के किसानों के लिए 10 लाख करोड़ रुपए का वैश्विक बाज़ार खोलने और देश में समृद्धि लाने का साधन बनेगी।
फिला विस्टा-2024 डाक टिकट प्रदर्शनी
अमित शाह ने गांधीनगर में फिला विस्टा-2024 डाक टिकट प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया और महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थल दांडी कुटीर संग्रहालय में दांडी यात्रा के महापुरुषों की स्मृति को नमन किया।
ये भी पढ़ें: पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने राजभाषा पुरस्कारों का वितरण किया, ‘सुरभि’ पत्रिका के दूसरे संस्करण का विमोचन किया गया
सम्पर्क सूत्र– प्रिय मित्रों अगर आप हमारे साथ अपनी और आसपास की कहानियां या किस्से शेयर करना चाहते हैं तो हमारे कॉलिंग नंबर 96690 12493 पर कॉल कर करके या फिर thestorywindow1@gmail.com पर ईमेल के जरिए भेज सकते हैं। इसके अलावा आप अपनी बात को रिकॉर्ड करके भी हमसे शेयर कर सकते हैं। The Story Window के जरिए हम आपकी बात लोगों तक पहुंचाएंगे क्योंकि हम मानते हैं कि खुशियां बांटने से बढ़ती हैं।