कैंसर सर्वाइवर डे के मौके पर हरियाणा के कैंसर सर्वाइवर नयाब सैनी ने कैंसर से जूझ रहे बच्चों से नई दिल्ली में मुलाकात की। इस दौरान नयाब सैनी ने बच्चों को अपनी संघर्ष की कहानी सुनाई और उन्हें हिम्मत और सकारात्मक सोच रखने की सलाह दी। चलिए पूरा The Story window खबर में जानते हैं।
यह सिर्फ शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक संघर्ष
नयाब सैनी, जो खुद कैंसर जैसी घातक बीमारी से जूझने के बाद अब स्वस्थ हो चुके हैं, ने बच्चों को यह विश्वास दिलाया कि अगर उन्होंने कैंसर को हराया है, तो वे भी अपनी बीमारी को जीत सकते हैं। उन्होंने बच्चों को अपने इलाज के दौरान मिले अनुभवों के बारे में बताया और कहा कि यह सिर्फ शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक संघर्ष भी होता है।
बच्चों और उनके परिवारों को नयाब सैनी का उत्साहवर्धन मिला
इस मुलाकात में बच्चों और उनके परिवारों को नयाब सैनी का उत्साहवर्धन मिला, और उन्होंने कैंसर से जूझने के दौरान सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास को अपनाने की बात की। नयाब सैनी ने यह भी कहा कि उनके जैसे कई कैंसर सर्वाइवर्स की कहानियां बच्चों के लिए प्रेरणा बन सकती हैं, और इस अवसर पर उन्होंने बच्चों को उनके इलाज में हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया।
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यह मुलाकात न केवल बच्चों के लिए, बल्कि उनके परिवारों के लिए भी एक संजीवनी साबित हुई, क्योंकि इससे उन्हें यह समझ में आया कि कैंसर से जूझने के बाद भी एक नई शुरुआत की जा सकती है। बच्चों से मिलने बाद सीएम सैनी ने ट्वीट करते हुए लिखा- अंतरराष्ट्रीय बाल कैंसर जागरूकता दिवस के अवसर पर दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में कैंसर से पीड़ित बच्चों के साथ भावपूर्ण समय व्यतीत किया। आज अंतर्राष्ट्रीय बाल कैंसर दिवस पर,हम उन बच्चों और उनके परिवारों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हैं जो कैंसर के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं।हम उनके साहस और जिजीविषा को सलाम करते हैं और उनके जल्दी स्वस्थ होने की कामना करते हैं।
बड़ी भूमिका निभाई है- ‘आयुष्मान भारत योजना’ ने
कैंसर के इलाज के बारे में बात करते हुए सीएम सैनी ने बताया कि- दुनिया के मशहूर Medical Journal Lancet की एक Study के मुताबिक अब भारत में समय पर Cancer का इलाज शुरू होने की संभावना काफी बढ़ गई है। समय पर इलाज का मतलब है-Cancer मरीज का Treatment 30 दिनों के भीतर ही शुरू हो जाना और इसमें बड़ी भूमिका निभाई है- ‘आयुष्मान भारत योजना’ ने।
बता दें कि भारत में कैंसर एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन गया है, और हाल के आँकड़े इस बीमारी की बढ़ती गंभीरता को दर्शाते हैं। 2022 में, भारत में कैंसर के लगभग 16 लाख नए मामले दर्ज किए गए, जबकि 9 लाख से अधिक लोग इस बीमारी के कारण अपनी जान गंवा बैठे। विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में कैंसर से होने वाली मौतों की दर वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक है, जिसका मुख्य कारण देर से निदान और ग्रामीण क्षेत्रों में उन्नत इलाज की सीमित पहुंच है। हाल ही में, महिलाओं में स्तन और गर्भाशय ग्रीवा (सर्वाइकल) कैंसर के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है। 2019 में भारत में लगभग 12 लाख नए कैंसर के मामले दर्ज किए गए थे, जिनमें से अधिकांश महिलाएं थीं।
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भारत में कैंसर के बढ़ते मामलों के पीछे कई कारण हैं, जिनमें अस्वास्थ्यकर आहार, जीवनशैली में बदलाव, पर्यावरण प्रदूषण, तंबाकू और शराब का सेवन, और आनुवंशिक कारक शामिल हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि कैंसर के मामलों में वृद्धि को रोकने के लिए जागरूकता बढ़ाना, नियमित स्वास्थ्य जांच, स्वस्थ जीवनशैली अपनाना, और समय पर निदान आवश्यक है।
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