ARTIFICIAL INTELLIGENCE KOSHA में 316 डेटासेट शामिल किया गया हैं, जिनका मुख्य लक्ष्य भारतीय भाषाओं के लिए भाषा अनुवाद उपकरणों के निर्माण और सत्यापन को सक्षम बनाने के लिए है । केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 6 मार्च 2025 को भारत में एआई नवाचार और अनुसंधान में तेजी लाने के लिए इंडिया एआई कंप्यूटर पोर्टल और अन्य पहलों के साथ-साथ एक सुरक्षित एआई डेटासेट प्लेटफॉर्म एआई कोष का शुभारंभ किया। आइए जानते हैं द स्टोरी विंडो पर क्या है ये तकनीक।
ARTIFICIAL INTELLIGENCE KOSHA प्लेटफार्म का शुभारंभ कब हुआ?
इंडियाएआई मिशन की वर्षगांठ पर केंद्र सरकार की यह पहल गैर-व्यक्तिगत डेटासेट के लिए एक समर्पित प्लेटफॉर्म ‘ARTIFICIAL INTELLIGENCE KOSHA ‘ के रूप में की गई है I यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉडल और टूल विकसित करने में सहायता करेगा। इस पहल को इंडिया AI मिशन के तहत शुरू किया गया है, जिसे एआई अनुसंधान और नवाचार के लिए संरचित और सुलभ डेटासेट की सुविधा के लिए डिज़ाइन किया गया है। अपने लॉन्च के समय, AI KOSHA में 316 डेटासेट को शामिल किया गया हैं, जिसमें भारतीय भाषाओं के लिए भाषा अनुवाद उपकरणों के निर्माण और सत्यापन को सक्षम करने पर मुख्य ध्यान दिया गया है, जिससे भाषाई समावेशिता और डिजिटल क्रांति को बढ़ावा मिलता है।
क्यों महत्वपूर्ण है सरकार की यह पहल?
भारत पिछले कुछ दिनों से स्वदेशी आधारभूत AI मॉडल बनाने की दिशा में निरंतर कार्य कर रहा है, यह एक ऐसा प्रयास है जिसने चीन के डीपसीक की लागत-प्रभावी सफलता के बाद गति पकड़ी है। स्टार्टअप्स की बढ़ती दिलचस्पी के साथ, यह पहल एआई इनोवेशन में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरने की भारत की आकांक्षाओं को एक रूपरेखा प्रदान करती है। इसके साथ ही, सरकार का मौजूदा ओपन गवर्नेंस डेटा प्लेटफ़ॉर्म , जो 12,000 से अधिक डेटासेट होस्ट करता है, क्रॉस-सेक्टर डेटा शेयरिंग को प्रोत्साहित करके एआई विकास को और मजबूत करता है।
क्या है इंडियाएआई मिशन?
इंडियाएआई मिशन का लक्ष्य एआई के विकास और परीक्षण को गति देने के लिए है। यह एक भारत में एक मजबूत एआई कंप्यूटिंग बुनियादी की पहल करना है। इसके साथ ही डेटा की गुणवत्ता को बढ़ाना है। साथ ही स्वदेशी एआई तकनीक का विकास करना है। यह शीर्ष प्रतिभाओं को आकर्षित करने, औद्योगिक संरचना को बढ़ावा देने, प्रभावशाली एआई स्टार्टअप को मजबूत करने और एआई के विकास को बढ़ावा देने पर बल देता है I
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इंडियाएआई मिशन को कितने रुपए की मिली मंजूरी?
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मार्च में 10,372 करोड़ रुपये के इंडियाएआई मिशन को मंजूरी दी थी, जिसका उद्देश्य 10,000 से अधिक जीपीयू की कंप्यूटिंग क्षमता स्थापित करना और स्वास्थ्य सेवा, कृषि जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के लिए प्रमुख भारतीय भाषाओं को कवर करने वाले डेटासेट पर प्रशिक्षित 100 बिलियन से अधिक मापदंडों की क्षमता वाले आधारभूत मॉडल विकसित करना है। मंत्रिमंडल ने विभिन्न विकास चरणों में डीप टेक स्टार्टअप्स के लिए सरकारी वित्तपोषण को मंजूरी दे दी है, इस उद्देश्य के लिए लगभग 2,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसके साथ ही शुरुआती प्रयासों में परियोजना को शुरू करने के लिए 300 से 500 GPU (ग्राफ़िकल प्रोसेसिंग यूनिट) की खरीद शामिल किया गया है |
AI KOSHA प्लेटफॉर्म में मुख्य चुनौतियां
इसमें प्रमुख चुनौती के रूप में गैर-व्यक्तिगत डेटा एक्सेस का मुद्दा विवाद का विषय बना हुआ है। इंफोसिस के सह-संस्थापक क्रिस गोपालकृष्णन की अध्यक्षता में 2018 में सरकार के नेतृत्व वाली समिति ने स्टार्टअप्स और नीति निर्माताओं की मदद के लिए निजी फर्मों को गैर-व्यक्तिगत डेटा, जैसे कि राइड-शेयरिंग ट्रैफ़िक डेटा साझा करने के लिए बाध्य करने का प्रस्ताव दिया था। हालांकि इन सिफारिशों को निजी क्षेत्र से चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन बड़े भाषा मॉडल (एलएलएम) के विकास ने सामान्य डेटा-साझाकरण ढांचे के बारे में चर्चाओं को फिर से शुरू कर दिया है।
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