Israel Lebanon War का आम नगारिकों पर क्या है असर और क्या है ग्राउंड रिपोर्ट, जानिए द स्टोरी विंडो में

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Israel Lebanon War: अक्टूबर 2023 का एक सामान्य दिन था, जब इजरायल ने एक काले अध्याय की शुरुआत देखी। हमास के ताबड़तोड़ रॉकेट हमले ने न केवल इजरायल की सुरक्षा को चुनौती दी, बल्कि क्षेत्र के अस्थिर माहौल को भी बढ़ावा दिया। एक साल में 41,000 से अधिक फिलिस्तीनी और 1,200 इजराइली नागरिकों की जान गई, लेकिन इस संघर्ष का असली प्रभाव केवल संख्याओं में नहीं, बल्कि मानवीय कहानियों में भी है।

Israel Lebanon War का नागरिकों पर विनाशकारी प्रभाव!

जब हमास ने इजरायल पर हमला किया, तब गाजा में स्थिति तेजी से बिगड़ने लगी। रिपोर्टों के अनुसार, 60% से अधिक गाजा की जनसंख्या अपने घरों से विस्थापित हो गई है, और कई लोग अब अस्थायी आश्रयों में रह रहे हैं। भोजन और पानी की कमी के कारण स्थिति गंभीर होती जा रही है, जबकि स्वास्थ्य सेवाएं धराशायी हो गई हैं। गाजा में केवल भौतिक क्षति ही नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी खतरे में है। यूएन के अनुसार, 70% बच्चे गंभीर मनोवैज्ञानिक तनाव से ग्रस्त हैं।

इसराइल में, बंधकों की स्थिति और उनके परिवारों का दुःख अधिकतम तनाव पैदा कर रहा है। करीब 100 इजरायली बंधक अभी भी पकड़ में हैं, जो हर दिन पीड़ा का कारण बनते हैं। परिवारों के लिए यह एक निरंतर दुःख का स्रोत है, जो इस संघर्ष की काली परछाई को बढ़ाता है।

हिजबुल्लाह की बढ़ती भूमिका

मीडिया के कवरेज में एक महत्वपूर्ण पहलू हिज्बुल्लाह का बढ़ता प्रभाव है। पिछले साल, हिजबुल्लाह ने इजरायल पर 170 से अधिक रॉकेट दागे हैं, जो दर्शाता है कि यह समूह अपनी क्षमता में तेजी से वृद्धि कर रहा है। इसके परिणामस्वरूप, इजरायल की रक्षा प्रणाली पर दबाव बढ़ गया है, और अब इजराइल को अपनी सीमाओं के भीतर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नए तरीके अपनाने पड़ रहे हैं।

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ईरान की क्या है भूमिका?

ईरान का इस संघर्ष में महत्वपूर्ण योगदान भी है। हाल ही में, ईरान ने इजरायल पर मिसाइलों से हमला किया, जिसे अमेरिकी बलों ने नाकाम कर दिया। यह स्पष्ट है कि ईरान, हिज्बुल्लाह और हमास के बीच एक मजबूत गठबंधन बन रहा है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस खतरे की गंभीरता को समझना होगा, क्योंकि यह न केवल इजराइल के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन सकता है।

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मानवता के संकट का अनोखा चेहरा

मानवीय संकट तेजी से बढ़ रहा है। गाजा में बुनियादी ढांचा पूरी तरह से नष्ट हो चुका है, और 90% से अधिक जनसंख्या गरीबी रेखा के नीचे जी रही है। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों की रिपोर्टों के अनुसार, ये हालत केवल युद्ध की क्षति नहीं हैं, बल्कि लंबे समय से चली आ रही समस्याओं का परिणाम भी हैं।

व्यापक संघर्ष की संभावना

इस युद्ध के एक साल पूरे होने पर, संभावना है कि यह संघर्ष एक व्यापक मध्य पूर्व युद्ध में बदल जाए। जब भी ईरान और हिज्बुल्लाह जैसे समूह अपनी गतिविधियों को बढ़ाते हैं, तब यह चिंता बढ़ जाती है कि क्या इस संघर्ष का दायरा और देशों को अपनी चपेट में ले लेगा।

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