World Health organization ने मंकीपॉक्स को ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी किया घोषित

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विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बुधवार को मंकीपॉक्स को ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है। अफ्रिका में स्थित कांगो देश में इस बीमारी का प्रकोप फैला हुआ है, जिसकी चपेट में पड़ोसी देश भी आ गए हैं। आपको बतादें कि यह दो साल में दूसरी बार है जब इस बीमारी को हेल्थ इमरजेंसी बताया गया है। WHO इस कारण भी चिंतित है क्योंकि इस बीमारी में अलग-अलग प्रकोप में मृत्यु दर अलग-अलग देखी गई है। कई बार तो यह 10 फीसदी से भी ज्यादा रही है। इसलिए WHO ने इसे लेकर सबसे उच्च स्तर का अलर्ट जारी किया है। अब तक अफ्रीका में Mpox के 17 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं।

क्या है मंकीपॉक्स ?

मंकीपॉक्स चेचक जैसी एक वायरल बीमारी है। आमतौर इस वायरस से संक्रमण के ज्यादा दुष्प्रभाव नहीं होते हैं, लेकिन कई मामलों में यह खतरनाक हो सकता है। इस बीमारी के चलते फ्लू जैसे लक्षण दिखते हैं और शरीर पर मवाद से भरे घाव हो जाते हैं। यह वायरस ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस फैमिली का ही मेंबर है। जिससे वायरस से चेचक की बीमारी होती है। ये वायरस किसी को भी प्रभावित कर सकता है। अफ्रीका के अधिकतर मामलों में 15 साल से कम उम्र के बच्चे अधिक चपेट में आए थे। इसकी एक वजह ये भी हो सकती है कि ज्यादातर वयस्कों को मंकीपॉक्स में प्रभावी चेचक के टीके लग चुके थे। जबकि ये बच्चों को नहीं लगाए जा सकते थे।

कैसे फैलता है यह वायरस?

कांगो में प्रकोप की शुरुआत एक स्थानिक प्रकार के फैलाव से हुई, जिसे क्लेड-I के नाम से पहचाना जाता है। लेकिन एक नए स्ट्रेन क्लेड-Ib सामने आया है जो सामान्य संपर्क से आसानी से फैलता है। इसमें सेक्शुअल कॉन्टैक्ट भी शामिल है। यह कांगो के पड़ोसी देशों जैसे कि बुरुंडी, केन्या, रवांडा और युगांडा में फैल गया है। इस कारण से विश्व स्वास्थ्य संगठन को ये फैसला लेना पड़ा।

मंकीपॉक्स के क्या लक्षण हैं?

किसी व्यक्ति के वायरस के एक्सपोजर में आने के बाद इसके लक्षण सामने आने में कई दिन या कुछ सप्ताह का समय लग सकता है। इस बीमारी के आमतौर पर एक्सपोजर के 3 से 17 दिन बाद दिखने शुरू होते हैं। जब कोई व्यक्ति वायरस के संपर्क में आया और जब इसके लक्षण दिखने शुरू हुए, इस बीच के समय को इनक्यूबेशन पीरियड कहते हैं। मंकीपॉक्स के लक्षण लगभग 2 से 4 सप्ताह तक बने रहते हैं। मंकीपॉक्स का सबसे शुरुआती लक्षण बुखार होता है। फिर बुखार शुरू होने के लगभग 1 से 4 दिन बाद त्वचा पर दाने निकलने शुरू होते हैं। इसमें निकलने वाले दाने अक्सर पहले चेहरे पर दिखते हैं। इसके बाद हाथ या पैर पर दिखाई देते हैं और फिर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाते हैं। शुरू में निकले चपटे दाने फफोले में बदल जाते हैं। फिर ये छाले मवाद से भर जाते हैं। उसके बाद पपड़ी बन जाती है और 2 से 4 सप्ताह की अवधि तक सूखकर खत्म हो जाते हैं। ये दाने मुंह, चेहरे, हाथ, पैर, लिंग, योनि या गुदा पर कहीं भी हो सकते हैं। कई बार तो ये गले में भी हो जाते हैं। जब से मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने शुरू होते हैं, तब से लेकर आपके दाने और पपड़ी ठीक होने तक संक्रमित व्यक्ति इसे फैला सकता है।

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मंकीपॉक्स का इलाज क्या है?

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, मंकीपॉक्स के संक्रमण के लिए वर्तमान में कोई खास उपचार उपलब्ध नहीं है। हालांकि कुछ दवाओं की मदद से इसके फैलने को नियंत्रित किया जा सकता है।मार्केट कुछ दवाएं पहले से मौजूद हैं, जो मंकीपॉक्स के इलाज में इस्तेमाल के लिए अप्रूव्ड हैं और बीमारी के खिलाफ काफी हद तक प्रभावी भी रही हैं। इसके इलाज में आमतौर पर सिडोफोविर, एसटी -246 और वैक्सीनिया इम्युनोग्लोबुलिन का इस्तेमाल किया जाता है।क्या मंकीपॉक्स से बचने का कोई उपाय है। मंकीपॉक्स के प्रकोप से हमें कई वैक्सीन बचा सकती हैं। कुछ वैक्सीन इसके लिए ही तैयार की गई हैं, जबकि कुछ वैक्सीन चेचक के लिए तैयार की गई थीं, जो इसे रोकने में कारगर हैं।

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