पंजाब में 2025 की बाढ़ ने राज्य को अभूतपूर्व संकट में डाल दिया है। लगातार मूसलधार बारिश, पहाड़ी क्षेत्रों से बहकर आ रहे पानी और प्रमुख नदियों—सतलुज, ब्यास, रावी और घग्गर—के उफान ने पंजाब के अधिकांश हिस्सों को प्रभावित किया है। इस आपदा ने न केवल जनजीवन को अस्त-व्यस्त किया है, बल्कि कृषि, स्वास्थ्य सेवाओं और बुनियादी ढांचे को भी गंभीर नुकसान पहुँचाया है।
बाढ़ की भयावहता: आंकड़े और तथ्य
पंजाब में अब तक 51 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि लगभग 9 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। लगभग 1.75 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न हो गई है, जिससे धान और अन्य फसलों का भारी नुकसान हुआ है। सैकड़ों गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है, जिससे हजारों लोग बेघर हो गए हैं और राहत शिविरों में शरण ले रहे हैं।
नदियों का उफान: सतलुज, ब्यास, रावी और घग्गर
सतलुज, ब्यास और रावी नदियाँ अपने निर्धारित जलस्तर से ऊपर बह रही हैं, जबकि घग्गर नदी ने मंसा जिले के कई गांवों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न कर दी है। पठानकोट, अमृतसर, फाजिल्का, गुरदासपुर और संगरूर जैसे जिलों में बाढ़ का पानी घुसने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
राहत और बचाव कार्य: प्रशासन की सक्रियता
राज्य सरकार ने राहत कार्यों के लिए ₹71 करोड़ की राशि जारी की है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना की टीमें प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्य में जुटी हैं। अस्थायी राहत शिविरों में भोजन, दवाइयाँ और अन्य आवश्यक सामग्री प्रदान की जा रही है।
किसानों की दुर्दशा: फसलें बर्बाद, आर्थिक संकट
कृषि प्रधान राज्य पंजाब के किसानों के लिए यह बाढ़ एक बड़ी आपदा साबित हुई है। लगभग 1.75 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न हो गई है, जिससे धान और अन्य फसलों का भारी नुकसान हुआ है। किसान मुआवजे की मांग कर रहे हैं, ताकि वे इस संकट से उबर सकें।
स्वास्थ्य सेवाओं पर संकट: बुनियादी ढांचा ध्वस्त
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि बाढ़ के कारण स्वास्थ्य सेवाओं को ₹780 करोड़ का नुकसान हुआ है। 1280 डिस्पेंसरी, 101 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 31 उप-मंडलीय अस्पतालों को नुकसान पहुँचा है। केंद्र सरकार से तत्काल सहायता की अपील की गई है।
मानवीय पहल: दो भाइयों की नावों से मदद
पंजाब के दो सगे भाइयों ने संकट के समय मानवीय पहल का उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने 70 से अधिक नावें बनाई और बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में भेजीं, ताकि फंसे हुए लोगों की मदद की जा सके। उनकी इस निस्वार्थ सेवा भावना को स्थानीय प्रशासन और आम लोगों ने सराहा है।
पाकिस्तान में भी बाढ़: 1.75 लाख लोग प्रभावित
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में भी बाढ़ की स्थिति गंभीर है। जाललपुर पीरवाला शहर से 25,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है। भारत और पाकिस्तान के बीच नदी जल प्रबंधन पर चर्चा जारी है, ताकि भविष्य में ऐसी आपदाओं से बचा जा सके।
भविष्य की चेतावनी: मौसम विभाग की भविष्यवाणी
मौसम विभाग ने आगामी दिनों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। सतलुज, ब्यास और रावी नदियों के जलस्तर में और वृद्धि की संभावना है, जिससे बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो सकती है।
एकजुटता और सहयोग की आवश्यकता
पंजाब में आई इस बाढ़ ने राज्य को अभूतपूर्व संकट में डाल दिया है। सरकार, प्रशासन, समाजसेवी संगठन और आम नागरिकों को मिलकर इस आपदा से निपटने के लिए एकजुट होकर काम करना होगा। केवल सामूहिक प्रयासों से ही हम इस संकट से उबर सकते हैं और भविष्य में ऐसी आपदाओं से बचने के उपायों पर विचार कर सकते हैं।
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